प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM) योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पेंशन योजना है। इसे 2019 के अंतरिम बजट में
लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
इस योजना के तहत सरकार योग्य
श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3,000 प्रति माह पेंशन गारंटी देती है। इनमें सड़क विक्रेता, घरेलू श्रमिक और
कृषि श्रमिक शामिल हैं।
2024 के अंत तक ई-श्रम पोर्टल पर लगभग 30.51 करोड़ असंगठित श्रमिक पंजीकृत हुए थे। इन असंगठित श्रमिकों का भारत की
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 50% का योगदान है।
PM-SYM की प्रमुख विशेषताएँ
न्यूनतम आश्वस्त पेंशन: पात्र लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3,000 प्रति माह पेंशन मिलेगी।
सरकारी योगदान: सरकार श्रमिक के योगदान का मिलान करती है, यानी एक रुपये का योगदान सरकार भी करेगी।
लचीलापन: श्रमिक अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार योगदान की राशि तय कर सकते हैं, जिससे उन्हें योजना में भाग लेने का अधिक लचीलापन मिलता है।
स्वैच्छिक भागीदारी: श्रमिक अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर योगदान के स्तर का चयन कर सकते हैं।
परिवार पेंशन: यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके जीवनसाथी को पेंशन का 50% परिवार पेंशन के रूप में मिलेगा।
निकासी प्रावधान: कुछ शर्तों के तहत प्रतिभागी योजना से बाहर निकल सकते हैं।
सरल पंजीकरण: पंजीकरण सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) या मानधन पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
कोष प्रबंधन: इस योजना का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा किया जाता है, जो इसकी विश्वसनीयता सुनिश्चित
करता है।
PM-SYM के लिए क्या होनी चाहिए योग्यताएं
आयु सीमा: प्रतिभागी की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
आय : मासिक आय ₹15,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
रोजगार स्थिति: श्रमिक को असंगठित क्षेत्र में कार्यरत होना चाहिए।
किसे नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ
जो व्यक्ति EPF, ESIC या NPS के तहत कवर हैं, या जो आयकरदाता हैं, वे पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, जो
अन्य सरकारी पेंशन योजनाओं से लाभ प्राप्त कर रहे हैं, वे भी इस योजना में शामिल नहीं हो सकते।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का प्रशासन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यह पेंशन प्रबंधन के लिए LIC
के साथ और पंजीकरण के लिए सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) के साथ सहयोग करता है।
योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का प्रमुख उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक स्थिर और सुनिश्चित भविष्य प्रदान करना है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश श्रमिकों के पास कोई पेंशन योजना नहीं होती, जिससे वे अपने बुढ़ापे में आर्थिक रूप से असुरक्षित रहते हैं। इस योजना के जरिए सरकार उन्हें एक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
योजना का प्रभाव
इस योजना ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की जीवनस्तर में सुधार करने में मदद की है। इसका प्रमुख प्रभाव उनके मानसिक और वित्तीय स्वास्थ्य पर पड़ा है, क्योंकि अब उन्हें यह सुनिश्चित हो गया है कि बुढ़ापे में उन्हें कोई सहारा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इस योजना ने समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के बीच वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है।
PM-SYM के बारे में
योजना का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने विभिन्न जागरूकता अभियानों का आयोजन किया है, ताकि अधिक से अधिक श्रमिक इस योजना का लाभ उठा सकें। इसके लिए, न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी पंजीकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। CSC और अन्य माध्यमों के जरिए, इस योजना के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक बड़ा कदम है, जो उन्हें वृद्धावस्था में एक स्थिर पेंशन प्रदान करके उनकी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। यह योजना न केवल असंगठित श्रमिकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि देश की आर्थिक विकास में उनके योगदान को भी मान्यता देती है। इसके जरिए सरकार असंगठित श्रमिकों को एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में काम कर रही है।
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